GDPR Kya Hai ? GDPR Kaise Kaam Karta Hai ? Puri Jankari Hindi me - Kaisehelp.com

दोस्तों आज की इस पोस्ट में मैं आपको GDPR के बारे में बताने वाला हूं कि GDPR क्या है और GDPR को कैसे इस्तेमाल करते हैं और मैं आपको बता दूं कि जीडीपीआर (GDPR)  full form General Data Protection Regulation है जो European Union law है। होती है

 सबसे जरूरी बात हम वकील नहीं हैं, इसलिए यह legal advice नहीं है। हम आपको बस GDPR compliance के बारे में कुछ जानकारी प्रदान करने वाले है 
GDPR Kya Hai ? GDPR Kaise Kaam Karta Hai ? Puri Jankari Hindi me - Kaisehelp.com
वैसे तो GDPR regulation का बहुत  काफी बड़ा  पेज है, यहां हम आपको सबसे महत्वपूर्ण GDPR compliance के बारे में बताएँगे


GDPR compliance Kya Hai ?

General Data Protection Regulation (GDPR) एक European Union (EU) law है जो सभी वेबसाइट ओनर और bloggers के लिए 25 मई, 2018 से लागु हो गयी है। GDPR के तहत EU citizens अपने Personal data पर control प्राप्त कर सकते है और उन्हें safe रख सकते है।
अगर 25 मई, 2018 के बाद, जो online businesses GDPR compliance का अनुपालन नहीं करते हैं, तो उन्हें €20 million या company की annual global revenue का 4% fine देना होगा। इसी कारण यह दुनिया भर के businesses के बीच बहुत popular टॉपिक हो गया है।
GDPR का मुख्य उद्देश्य users की personal data information की रक्षा करना है और personal data में शामिल हैं – name, emails, physical address, IP address, health information, income, आदि।

European Union में 28 member राज्य शामिल हैं और GDPR compliance के अंतर्गत कम्पनियाँ European Union यूजर का डाटा 6 साल तक रख सकती है उसके बाद डिलीट करना होगा।

GDPR के क्या फायदे ?

  • आपकी साइबर सुरक्षा बढ़ेगी।
  • आपके Data Management में सुधार होगा।
  • यह आपको आपके customers और public के साथ अधिक भरोसेमंद संबंध बनाने में मदद कर सकता है।
  • GDPR के तहत business को एक ऑप्ट-इन पॉलिसी लागू करनी होगी और नागरिकों को अपने personal data को Processed करने के लिए सहमति देनी होगी।

GDPR compliance का प्रभाव किन companies पर पड़ेगा ?

GDPR का प्रभाव हर एक छोटी और बड़ी कंपनी पर पड़ेगा। GDPR compliance सबसे ज्यादा उन companies को affect करेगी जो users के data को इकट्ठा कर प्रोसेस करते हैं। इसके अलावा भारत की जो मल्टीनेशनल कम्पनियां यूरोपीयन कम्पनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, उन पर इसका असर हो सकता है।


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